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हिमाचल में विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों की 4500 पदों पर रुकी भर्ती शुरू करवाने की मांग को लेकर सरकार हाईकोर्ट जाएगी। कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं डाली जाएंगी। पहली याचिका में एसएमसी शिक्षकों की जगह नए पद छह माह में भरने के आदेशों में और अधिक समय की छूट मांगी जाएगी। दूसरी याचिका में ईडब्ल्यूएस मामले से रुकी भर्तियों को छोड़ अन्य पद भरने की मंजूरी मांगी जाएगी। 



हाईकोर्ट ने बीते दिनों एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करते हुए छह माह में नई भर्तियां करने को कहा है। कोरोना संकट के बीच छह माह के भीतर नई भर्तियां करना सरकार के लिए आसान नहीं है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने एक याचिका डालकर एसएमसी शिक्षकों की जगह नई भर्तियों के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग करने की योजना बनाई है। अगले सप्ताह इसको लेकर कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।  

इस याचिका में कोर्ट को बताया जाएगा कि एसएमसी शिक्षकों की जगह 1541 नए पद भरने की प्रक्रिया शुरू की गई है। छह माह के भीतर यह सभी पद भरना मुश्किल होगा। ऐसे में इसके लिए और अधिक समय दिया जाए। दूसरी याचिका में बीपीएल श्रेणी के आवेदकों को आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग में समायोजित करने के मामले के चलते कोर्ट ने शिक्षक भर्ती पर रोक लगाई हुई है। 



ऐसे में शिक्षा विभाग कोर्ट में याचिका दायर कर मांग करने जा रही है कि आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित किए गए पदों को छोड़कर अन्य पदों पर भर्तियां करने की मंजूरी दी जाए। इस याचिका में दो विकल्प भी दिए जाएंगे। दूसरे विकल्प में भर्ती परीक्षा सभी पदों पर ले ली जाए और ईडब्लयूएस का परीक्षा परिणाम कोर्ट के फैसले के बाद ही निकाला जाए। बता दें कि बीपीएल और ईडब्लयूएस का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट ने इस मामले के निपटारे तक शिक्षकों की विभिन्न भर्तियों पर रोक लगाई हुई है। इस रोक के चलते विभिन्न श्रेणियों के 3636 पदों पर भर्ती प्रक्रिया रूक गई है। 

इसके अलावा रूसा के गलत सब्जेक्ट कंबिनेशन को लेकर एचपीयू की इक्वीलेंस कमेटी की ओर से सरकार को भेजे गए एकमुश्त छूट देने के प्रस्ताव पर भी अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इस मामले के चलते भी भर्ती रूक गई है। इन सभी मामलों को अब सरकार ने हाईकोर्ट के समक्ष उठाने का फैसला लिया है।