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हिमाचल सरकार आउटसोर्स नीति को बंद करने जा रही है और भविष्य में आईपीएच सहित अन्य सभी सरकारी विभागों में नई भर्तियां विभाग सीधे तौर पर स्वयं करेंगे। प्रदेश सरकार की आगामी कैबिनेट की बैठक में इस पर निर्णय ले लिया जाएगा। बिलासपुर में विशेष बच्चों के फ्लोरबाल प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ करने पहुंचे आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने यह बात कही।


उन्होंने बताया कि पूर्व सरकार के समय शुरू की गई आउटसोर्स नीति मजदूरों और कर्मचारियों के शोषण का माध्यम बन चुकी है। इसलिए वर्तमान सरकार इसे बंद कर रही है। मंत्री ने कहा कि वो निचले हिमाचल के लिए उद्यान विभाग पर एक प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं। जिसमें आईपीएच और उद्यान विभाग दोनों मिलकर कार्य करेंगे। इसके लिए उद्यान विभाग में 1688 करोड़ और आईपीएच के जरिये 4,751 करोड़ खर्च किया जाएगा।



उन्होंने बताया कि वर्ष-2000 से पहले अस्तित्व में आई प्रदेश की सभी पेयजल और सिंचाई योजनाओं की मरम्मत की जाएगी। इसके लिए सरकार ने 798 हजार करोड़ की योजना तैयार की है। पुरानी पाइपों को बदला जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2022 तक प्रदेश के किसी भी गांव, किसी भी घर में पेयजल की परेशानी नहीं रहे। 

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