शिक्षा विभाग में आउटसोर्स आईटी शिक्षकों के मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ौतरी, प्राइमरी स्कूलों में पार्ट टाइम मल्टी टास्किंग वर्कर की नियुक्ति का ऐलान.
प्रारंभिक स्कूलों के लिए श्रेष्ठ स्कूल ज्ञानोदय की घोषणा, 100 कलस्टर स्कूल होंगे स्थापित, 15 करोड़ रुपये का प्रावधान, आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे स्कूल
1 हजार 13 करोड़ रुपये का बजट केवल पर्यटन को देखते हुए कनेक्टिविटी का प्रावधान, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 20 हजार अतिरिक्त मदद देगी सरकार. 10 हजार और लोग किये जायेंगे लाभान्वित
टीबी रोग निवारण योजना के तहत मरीजों को 1500 मासिक वितीय मदद की घोषणा, 10 मोबाइल हेल्थ सर्विस, हिमाचल में 100 पुरानी 108 एम्बुलेंस को बदला जाएगा. गरीबों के लिए निशुल्क दवाइयों के 100 करोड़ का प्रावधान,
तम्बाकू सेवन मुक्त पंचायत को 5 लाख पुरस्कार का ऐलान
विधायक निधि को 1 करोड़ 50 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ 75 लाख किया.
बजट में 1990 करोड़ रुपये अनुसूचित जाति उपयोजना, 711 करोड़ रुपये जनजाति उपयोजना व 88 करोड़ रुपये पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना के लिए प्रस्तावित है। सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और विश्वविद्यालयों व स्वायत्त निकायों के नियमित अंशकालिक, अनुबंध और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की व्यक्तिगत समूह दुर्घटना बीमा योजना के बीमा कवर को बढ़ाने की घोषणा की गई है।
वर्तमान में 70 फीसदी से ज्यादा अस्थि बाधित विकलांग और दृष्टिबाधित सरकारी कर्मचारी को 500 रुपये प्रति माह मिलने वाला वाहन भत्ता बढ़ाकर 750 रुपये प्रति माह किया जाएगा। अवैध खनन पर पैनी नजर रखने के लिए प्रदेश के खनन की शिकायतें आने वाले स्थानों में10 समर्पित खनन चेक पोस्ट स्थापित करने की जाएंगी ताकि अवैध खनन को रोका जा सके। इनका संचालन संयुक्त रूप से उद्योग व पुलिस विभाग की ओर से किया जाएगा।
दुर्घटना बीमा होने पर सुनिश्चित बीमा राशि को मृत्यु अथवा पूर्ण विकलांगता पर दो लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया गया है। आंशिक क्षति की दशा में यह धनराशि एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये की गई है। इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को थोड़ा सा अधिक प्रीमियम देना होगा, जो बाद में तय होगा।
दो हजार बढ़ा युद्ध जागीर लाभार्थियों का अनुदानशिमला। मुख्यमंत्री ने अपने बजट में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों और अर्ध सैनिक बलों के जवानों के लिए भी बड़ी घोषणा की है। इसके तहत युद्ध जागीर के लाभार्थियों को मिलने वाली वार्षिक अनुदान राशि को पांच से बढ़ाकर सात हजार रुपये किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में जहां भी पूर्व सैनिकों के लिए आर्मी कैंटीन की व्यवस्था नहीं है, वहां पर कैंटीन या विस्तार काउंटर खोलने के लिए प्रदेश सरकार केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी। इसके लिए अस्थायी लागत सहित बुनियादी ढांचा राज्य सरकार खुद उपलब्ध कराएगी। जनजातीय क्षेत्रों विकास के लिए वर्ष 2020-21में 1,758 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
स्कूलों में स्वस्थ बचपन योजना शुरू होगी
सरकार ने प्राथमिक पाठशालाओं में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। इन सभी प्री प्राइमरी कक्षाओं के विद्यार्थियों को दोपहर के भोजन की व्यवस्था के लिए एक नई योजना 'स्वस्थ बचपन' शुरू की जाएगी। योजना के तहत बच्चों को स्कूलों में ही भोजन की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही पहली से आठवीं तक के सभी बच्चों को सप्ताह में एक दिन अतिरिक्त पौष्टिक आहार जैसे दूध या स्थानीय फल की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए 11 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया जाएगा।
1.अनुसूचित जाति के पात्र व्यक्तियों के लिए 5100 आवास जिसके लिए 'स्वर्ण जयंती आश्रय योजना' की घोषणा की गई है।
2. मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 3100 आवास।
3. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 1000 आवास।
4. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 800 आवास। 203. आवास के क्षेत्र में प्रदेष सरकार का यह एक इस मकसद के लिए 160 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
अब सहारा योजना में दिए जाएंगे 3000 रुपये मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सहारा योजना में 3000 रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को 2000 रुपये दिए जाते थे। योजना में 8 हजार 188 पंजीकृत लाभार्थियों में से 5 हजार 580 लाभार्थियों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होते ही उन्हें भी यह लाभ देना शुरू कर दिया जाएगा।
क्षय रोगियों को 1500 रुपये प्रतिमाह मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षय रोग निवारण योजना में बेहतर सेवाओं के लिए हिमाचल को पूरे देश में पहला पुरस्कार मिला है। उन्होंने कहा कि तपेदिक रोग का पता लगाने के लिए प्रदेश के मेडिकल कॉलेज टांडा में भी लाइन प्रोबेशिस सुविधा शुरू की जाएगी। अभी यह सुविधा एआरएल धर्मपुर में ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों के लिए हर महीने 1500 रुपये वित्तीय सहायता के रूप में दिया जाएगा।
बजट पेश करने से एक दिन पहले विधानसभा (Assembly) में आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट रखी गई, जिसमें प्रदेश की विकास दर (Growth Rate) चिंताजनक तरीके से गिरी है. बीते साल 7.1 प्रतिशत विकास दर थी, लेकिन 2019-20 में विकास दर 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में कम है. हालांकि प्रदेश की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है.
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