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स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने शनिवार को बताया कि प्रदेश के उप स्वास्थ्य केंद्रों में 338 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) को अस्थाई नियुक्ति की जाएगी। ये पद बीएससी नर्सिंग कर चुकीं उन उम्मीदवारों से भरे जाएंगे, जिन्होंने ब्रिज कोर्स पूरा कर लिया है। सरकार सार्वभौमिक स्वास्थ्य देने का लक्ष्य पाने को घर-द्वार पर कम दरों पर आधारभूत स्वास्थ्य सुविधाएं दे रही है। उन्होंने कहा कि उप केंद्रों उपलब्ध व्यापक स्वास्थ्य देखभाल पैकेज की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।


उन्होंने कहा कि बीएससी नर्सिंग करने वालों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त ब्रिज कोर्स करवाया गया है। पहले बैच को राज्य के स्वास्थ्य उपकेंद्रों में नियुक्ति दी जाएगी, जिन्हें आरोग्य केंद्रों के रूप में स्तरोन्नत किया गया है। इन पदों को भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एचएलएल के माध्यम से भरा जाएगा, जिसके लिए प्रदेश सरकार ने करार किया है।



मंत्री परमार ने कहा कि सीएचओ 12 संक्रामक और गैर संक्रामक बीमारियों से संबंधित अनिवार्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी। सीएचओ के माध्यम से ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में सीमांत परिवारों के लिए स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में और सुधार किया जाएगा। इससे इन परिवारों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए अपनी जेब से खर्च की जानी वाली राशि में कमी आएगी। प्राथमिक देखभाल स्तर पर जन स्वास्थ्य सेवाओं के प्रयोग में भी बढ़ोतरी होगी।



इससे द्वितीय और तृतीय स्तर पर देखभाल करने वाली संस्थाओं पर कार्य बोझ में भी कमी आएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सीएचओ तैनात करने से निवारण और प्रोत्साहक स्वास्थ्य जन गतिविधियां सुदृढ़ होंगी। इससे स्वास्थ्य आरोग्य केंद्रों में स्वास्थ्य सूचकांकों के बारे में भी जानकारी मिलेगी। सीएचओ समुदायों के देखभाल और स्वास्थ्य संबंधित विभिन्न मुद्दों की जानकारी के लिए प्रथम केंद्र होगा, क्योंकि वे लोगों को आसानी से उपलब्ध होंगे।